कैसे देर ऊपरी-प्लीस्टोसीन में आत्म-जागरूकता की चिंगारी ने मेमेटिक रूप से फैलकर हमारे जीनोम को पुनः संयोजित किया और सैपियंट विरोधाभास को हल किया।
मानव-विकास - Research Articles
ईव का जागरण: कैसे आत्म-ज्ञान ने मानव मस्तिष्क को पुनः संयोजित किया
कैसे देर ऊपरी-प्लीस्टोसीन में आत्म-जागरूकता की चिंगारी ने मेमेटिक रूप से फैलकर हमारे जीनोम को पुनः संयोजित किया और सैपियंट विरोधाभास को हल किया।